बायोटेक्नोलॉजी क्या है? : नमस्ते दोस्तों sparkhindi blog में आप सब का स्वागत है क्या आपको पता है की बायोटेक्नोलॉजी क्या है? अगर नहीं तो आज हम जानेंगें की बायोटेक्नोलॉजी क्या है? – what is biotechnology in hindi और इसके प्रकारों की पूरी जानकारी जानेंगें।
बायोटेक्नोलॉजी क्या है?

दोस्तों विज्ञान के क्षेत्र में जीवविज्ञान ने भी काफी सफलताएं हासिल की हैं तथा कई सारे नए नए अविष्कार भी किये हैं ऐसी जीवविज्ञान से सम्बंधित एक विषय है जिसका नाम बायोटेक्नोलॉजी है जिसकी कुछ समय से काफी चर्चा हो रही है तथा कुछ स्टूडेंट्स इसके क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। हाल के कुछ समय में बायोटेक्नोलॉजी काफी विकसित हुआ है और हर कोई इसके बारे में जानना चाहता है। जो स्टूडेंट्स biology के माध्यम से मेडिकल साइंस को बतौर करियर अपनाना चाहते हैं निःसन्देय यह क्षेत्र उनके लिए काफी आकर्षक और सफलता दिलाने वाला होगा।
बायोटेक्नोलॉजी क्या है? – What is Biotechnology in hindi
Biotechnology को हिंदी में जैव प्रौद्योगिकी कहा जाता है।
Biotechnology जिसे Biotech भी कहा जाता है यह दो शब्दों से मिल के बना है , Biology + Technology , यह biology की ऐसी शाखा होती है जिसमें Biology और Technology दोनों शामिल होते हैं यानि की इस तकनीक में Living Orgenisum और उसके Products का इस्तेमाल करके एक नए एवं बेहतर Product बनाये जाते हैं। ताकि पौधों एवं जानवरो को सुधारा जा सकें। यानि की Biotechnology विज्ञानं की ऐसी शाखा है जो हमारे लाइफ को बेहतर बनाने के लिए नए नए एवं बेहतर Product को बनाती है फिर चाहे वह पौधों की नयी एवं बेहतर किस्मे तैयार करना हो , जिससे की अच्छी खेती एवं अच्छे फसल उगाये जा सकें या फिर नए नए बीमारियों की दवाइयां बनाना। यह सब आज बायोटेक्नोलॉजी से आज मुमकिन है।
बायोटेक्नोलॉजी की खोज किसने की
उपरोक्त जानकारी के बाद अब ये जानना बहुत जरुरी हो गया है की इसकी खोज कैसे हुई तथा किसने की।
1873 में Stanley Cohen एवं Harbert Boyer ने Re-Combinent DNA Technology की खोज की। इसके बाद ही Biotechnology Industry का Devolepment शुरू हुआ। Biotechnology नाम देने का श्रेय हंगरी के एग्रीक्लचरल इंजीनियर Karl Ereky को जाता है जिन्होंने 1919 में Biotechnology नाम दिया।
भारत में बायोटेक्नोलॉजी की की शुरुआत किसने की
India में Biotechnology को शुरू करने का श्रेय किरण मजूमदार शॉ को जाता है।
जो की दुनिया प्रसिद्ध Biotech Company , Biocon Ltd की Founder हैं।
Biotechnology के सिद्धान्त – Principles of Biotechnology
Biotechnology के विकास में दो तकनीकें प्रमुख हैं –
1. आनुवंशिक अभियान्त्रिकी /जीनी इंजीनियरिंग (Genetic Engineering )
इस तकनीक में अनुवांशिक पदार्थो (DNA /RNA) को परपोषी जीवों में प्रवेश कराकर इसके रासायनिक लक्षणों में परिवर्तन करतें हैं।
2. रासायनिक अभियान्त्रिकी (Chemical Engineering)
इसके द्वारा सूक्ष्म जीवों की अन्य सूक्ष्म जीवों की अनुपस्थिति में वृद्धि कर अधिक मात्रा में उत्पादों जैसे – प्रतिजैविकों , टिकें , एन्जाइम आदि का निर्माण किया जाता है।
Biotechnology के प्रकार – Types of Biotechnology
आइए अब बायोटेक्नोलॉजी के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानते हैं। सामान्यतः यह चार प्रकार की होती है जिनका विवरण नीचे दिया गया है।
- Blue Biotechnology
- Green Biotechnology
- Red Biotechnology
- White Biotechnology
1. Blue Biotechnology : (Marine and Aquatic Applications of Biotechnology)
Blue Biotechnology का प्रयोग समुद्री एवं जलीय पर्यावरण के क्षेत्र में किया जाता है ताकि नए जलीय जीव जंतु के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके तथा नए नए अनुसंधान एवं विकास किया जा सकें।
2. Green Biotechnology : (Agricultural Applications of Biotechnology )
Green Biotechnology का उपयोग कीट प्रतिरोधी समाधानों के अनुसन्धान और विकास के लिए कृषि क्षेत्र में किया जाता है।
3. Red Biotechnology : (Medical Applications of Biotechnology )
Red Biotechnology का उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में नए नए अनुसन्धान एवं नई दवाओं को विकसित करने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से क्षत्रिग्रस्त ऊतकों को पुनर्जीवित किया जा सकता है।
4. White Biotechnology : (Industrial Applications of Biotechnology)
White Biotechnology का उपयोग औद्योगिक क्षेत्र नए नए रसायनो के विकास एवं अनुसन्धान में किया जाता है
Medical के क्षेत्र में Biotechnology का उपयोग
Medical के क्षेत्र में Biotechnology यानि की जैव प्रद्योगिकी का इस्तेमाल नयी दवाओं की खोज करने में एवं जेनेटिक टेस्ट करने में किया जाता है ऐसा होने से दवाएं पहले की तुलना में काफी आसानी से मिलने लगी हैं तथा इन दवाओं की लागत भी पहले की अपेक्षा काफी कम हो गयी है। इसके अलावा Biotech का मेडिकल क्षेत्र में उपयोग करके बहुत सी जानलेवा बीमारीयों की दवाई भी बनायीं जा सकी है। Biotech की मदद से फसलो को जल्दी उगाना तथा हेल्दी बनाना संभव हो सका है।
Biotechnology में करियर कैसे बनाये
आइये अब जानते हैं की Biotech में करियर बनाने के लिए आपके पास कौन – कौन से कोर्सो के विकल्प मौजूद हैं। Biotech से जुड़े कोर्सो को करने के लिए आप 10th पास करने के बाद भी अप्लाई कर सकते हैं क्योंकि इस फिल्ड में बहुत से कोर्सो के option उपलब्ध कराये गए हैं जैसे की Diploma Course , अगर आप 10th पास कर चुके हैं तो Biotechnology में Diploma कर सकते हैं इसकी अवधि 3 साल की होती है तथा इसके लिए आपको स्टेट लेवल इन्टरेन्स एग्जाम को पास करना होगा। बात करें under graduats course की तो अगर आप Biotech कोर्स में Bsc. करना चाहते हैं तो इसकी अवधि 3 साल की होगी जबकि B.Tech कोर्स की अवधि 4 साल की होती है और इसमें प्रवेश लेने के लिए आपका 10+2 में PCM/B होना बहुत जरुरी है और इसके लिए आपको प्रवेश परीक्षा पास करना होगा।
अब बात करे post graduats course की तो biotech में graduation करने के बाद post graduation जैसे की Msc. या M.Tech कर सकते हैं इस कोर्स की अवधि 2 साल की होती है। biotech में Msc. या M.Tech करने के लिए आपको Gate या IIT, JAMM से एग्जाम पास करने होंगें। biotech से graduation और post graduation करने के बाद आप किसी भी topic पर पीएचडी कर सकते हैं जैसे की –
जेनेटिक्स , इम्यूनोलॉजी , यूरोलॉजी , बायो – स्टेटिक्स , एनिमल हस्बेंड्री , मॉलिक्युलर बायोलॉजी आदि।
बायोटेक के लिए बेस्ट इंस्टिट्यूट
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी , मद्रास
- डिपार्टमेन्ट ऑफ़ बायो साइंसेज एंड बायो इंजीनियरिंग IIT , बॉम्बे
- डिपार्टमेन्ट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी , IIT हैदराबाद
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी , नई दिल्ली
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी , खड़गपुर
- डिपार्टमेन्ट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी , IIT रुड़की
- डिपार्टमेन्ट ऑफ़ बायोलॉजिकल साइंसेज एंड इंजीनियरिंग , IIT कानपुर
हमें उम्मीद है की हमारी यह जानकारी बायोटेक्नोलॉजी क्या है? आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
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